दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट Valid Theory पर आज की वीडियो में हम बात करने वाले हैं कि आखिर कैसे रातों रात एक हंसता-खेलता नगर उजड़ गया और भानगढ़ का किला पूरी दुनिया का सबसे भूतिया किला बन गया तो ज्यादा टाइम खराब ना करते हुए आज का यह ब्लॉग शुरू करते हैं
भानगढ़ किले का इतहास
भानगढ़ किले का इतहास सदियों पुराना है राजस्थान में 70 वीं शताब्दी में बनाया गया यह किला प्राचीन कला का एक बेहद ही खूबसूरत नमूना है जिसे अमेर के राजा भगवंत दास ने अपने छोटे बेटे माधोसिंह प्रथम के लिए वर्ष 1573 में बनवाया था और इसी के साथ यह बात भी झुठलाई नहीं जा सकती कि यह किला खूबसूरत होने के साथ-साथ अपनी भूतिया गतिविधियों के लिए भी बहुत ही ज्यादा चर्चा में रहता है कहा जाता है कि भानगढ़ किले की राजकुमारी रत्नावती इस किले के सर्वनाश का कारण थी
राजकुमारी रत्नावती
राजकुमारी रत्नावती दिखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत थी और अपनी खूबसूरती से सभी का मन मोह लेती थी एक दिन तांत्रिक की नजर राजकुमारी रत्नावती कर पड़ गई और तांत्रिक राजकुमारी रत्नावती को देखते ही उसके प्यार में खो गया तांत्रिक यह बात अच्छे से जानता था कि राजकुमारी रत्नावती उसकी कभी नहीं हो सकती इसलिए तांत्रिक ने राजकुमारी रत्नावती को अपना बनाने के लिए एक षड्यंत्र रचा तांत्रिक ने अपने तंत्र विद्या का इस्तेमाल करके एक तेल की बोतल को अभिमंत्रित किया और राजकुमारी की दासी के हाथ में तेल की बोतल देकर कहा कि यह तेल सिर्फ राजकुमारी के लिए ही है तुम जाकर यह तेल की बोतल राजकुमारी रत्नावती को दे दो परंतु दासी को तांत्रिक यह बात सुनकर कुछ ठीक ना लगा इसीलिए दासी ने वह तेल की बोतल के किले के बाहर फैंक दी उचाई से गिरने के कारण तेल की बोतल एक पत्थर पर गिरी और टूट गई तेल पत्थर पर गिरते ही पत्थर हवा में उड़ने लगा और उठते हुए तांत्रिक की तरफ बढ़ने लगा पहले तांत्रिक को लगा शायद पत्थर पर रानी बैठी है जो उसकी तरफ आ रही है
तांत्रिक का श्राप
पत्थर के थोड़ा और नजदीक आने पर तांत्रिक समझ गया कि उसके साथ छल किया गया है इसी लिए मरते मरते तांत्रिक ने राजकुमारी को श्राप दे दिया कि इस नगर का सर्वनाश हो जाएगा यहां कोई भी सुखी नहीं रहेगा और सभी लोगों की मृत्यु हो जाएगी तांत्रिक यह बात कहते ही वह उड़ता हुआ पत्थर तांत्रिक पर आ गिरा और तांत्रिक की वहीं मौत हो गई राजकुमारी रत्नावती ने तांत्रिक के श्राप को सुनकर जल्द से जल्द पूरे नगर को खाली करवा दिया और खुद वही किले में रुक गई तांत्रिक की मृत्यु के कुछ दिनों के बाद ही किले में अजीबोगरीब घटनाएं होने लगी जिसके चलते राजकुमारी रत्नावती की भी मृत्यु हो गई जिसके बाद से किले में बाकी बचे लोग भी उस किले को छोड़कर चले गए लोगों का कहना है कि आज भी तांत्रिक का भूत रात के समय के किले में घूमता है और राजकुमारी रत्नावती को ढूंढने की कोशिश करता है
आज का समय
आज के समय की बात करें तो भानगढ़ का यह किला एक टूरिस्ट प्लेस है दिन के वक्त काफी सारे लोग इसके लिए की खूबसूरती को देखने के लिए आते हैं परंतु रात के समय आज भी यहां कोई नहीं रुकता क्योकि रात के समय किले के अंदर भूतिया गतिविधिया होने लग जाती हैं यहां तक कि कुछ लोगों ने रानी रत्नावती के रोने की आवाज तक सुनी है इन्हीं सब कारणों के चलते भारतीय पुरातत्व विभाग के लोगों ने यहाँ घूमने आए लोगों की सुरक्षा के लिए किले के बाहर एक बोर्ड लगा दिया जिसके चलते रात के वक्त किसी भी इंसान को इस किले में जाने की अनुमति नहीं है
इसी के साथ भानगढ़ किले का यह ब्लॉग यही समाप्त होता है उम्मीद है आपको हमारा यह ब्लॉग अच्छा लगा होगा और आगे भी इसी तरह के ब्लोग्स को पड़ने के लिए हमारी वेबसाइट Valid Theory पर डेली विज़िट करना ना भूले
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